त्रिभंगी छंद में नूतन वर्ष के ठंड की थिरकन: पुरातन वर्ष हुआ गमन । kavitaon_ki_yatra

स्मृतियों की विदाई और नूतन वर्ष का काव्यात्मक अभिनंदन

"सज्जनो! पुरातन वर्ष अब गमन करने को आतुर है। प्रत्येक जाता हुआ वर्ष अपने पीछे कुछ ऐसी अमिट स्मृतियाँ छोड़ जाता है, जिन्हें कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। इन्हीं यादों को समेटते हुए, आइए Kavitaon_ki_yatra के साथ इस नूतन वर्ष में 'ठंड की थिरकन' का आनंद त्रिभंगी छंद के माध्यम से लिया जाए।"

Tribhangi Chhand mein Nutan Varsh ke thand ki thirkan - Puratan Varsh hua Gaman
"कोहरे की चादर और खुशियों का उल्लास—नूतन वर्ष 2026 की पहली सुनहरी भोर।"


       त्रिभंगी छंद की मधुर प्रस्तुति

फिर नूतन आया, मन ये गाया, मौसम देखो, पगलाया।
 सब कलियाँ चटकी, सखियाँ मटकी, नैना भी ये, भरमाया।।

सब जनमन थिरका, ठंडा झिरका, कुहरा नभ में, मुस्काया। 
उफ़ तोड़े हड्डी, खेले कबड्डी, सर को पूरा, चकराया।।

हम डर डर बढ़ते, उसपे कुढ़ते, जिसने हमको, नहलाया।
 तुम आ ही जाओ, अब न सताओ, मैं बाल्टी भर, खुशियाँ लाया।।

हाँ सबकुछ अच्छा, कहता सच्चा, काहे छुपके, शरमाया।
 ना रूठे चल, ओ झूठे बोल, हमें जो ऐसे बहलाया।।


काव्य भावार्थ :- पागल मौसम को देखकर फिर से नया साल आने से मन गाने लगा है..."सभी कलियाँ चटकने लगीं और  सखियाँ (सहेलियाँ )खुशी में मटकने लगीं,यह दृश्य देख कवि मन भी भरमाने लगा है।"

  सभी लोग थिरकने,नाचने-गाने लगे,पर ठंड उन्हें झिड़कने लगा।यह देख आसमान में बैठा कुहरा मुस्काने लगा। उफ़ यह ठंड तो कबड्डी खेलकर हड्डियों को तोड़ने पर हावी हो गयी है,जिससे हमारा सर चकराने लगा है।

आगे बढ़ने में ठंड का डर भी लग रहा है और ऐसे में उसपर कुढ़ना(गुस्साना) स्वाभाविक है जिसने हमें नहला दिया है।

चलिए ,उसे बाल्टी भर खुशियों का लोभ दिखाकर ही बुला लिया जाए। वह छुपकर सबकुछ अच्छा बता रहा है,उसे बाहर आने में शर्म जो लग रही है।हमें नहला बहलाकर और ये भी कह रहा है कि मत रूठो

 काव्य में आए कुछ कठिन शब्दों के अर्थ

क्र.सं.शब्दअर्थ
1.नूतननया / नवीन (New)
2.चटकीकलियों का खिलना (Blooming)
3.भरमायाभ्रमित होना या मुग्ध होना (Mesmerized)
4.झिरकाठंड की हल्की फुहार या झोंका (Cold draft/gust)
5.कुहराकोहरा / धुंध (Fog/Mist)
6.कुढ़नाचिढ़ना या मन ही मन गुस्सा होना (To be annoyed)
7.गमनजाना / विदाई (Departure)
8.विस्मृतभूल जाना (Forgotten)
9.यतिछंद में रुकने का स्थान (Pause in verse)
10.थिरकननाचना या कंपन (Rhythmic movement/Vibration)

निष्कर्ष :- "प्रत्येक बीतता साल अपने साथ ले जाता है कुछ हमारी कुछ कमियाँ और दे जाता है, उससे बचने की सीख। नूतन उदित हुआ साल आपकी सभी आशाओं की पूर्ति करे ऐसी मंगलकामना है।"

विशेष: त्रिभंगी छंद क्या है और इसका विधान?

त्रिभंगी एक मात्रिक छंद है। इसकी लय बहुत ही सुंदर और नृत्य जैसी थिरकन वाली होती है।

  • मात्राएँ: प्रत्येक चरण में कुल 32 मात्राएँ होती हैं।
  • यति (Pause): यति आमतौर पर 10, 8, 8, और 6 मात्राओं पर होती है (10+8+8+6 = 32)।
  • विशेषता: इसमें आंतरिक तुकबंदी (Internal Rhyme) का विशेष महत्व है, जो इसे गेय (गाए जाने योग्य) बनाती है।
  • उपयोग: इसका प्रयोग भक्ति, वीर रस और उल्लासपूर्ण कविताओं में अधिक होता है।

पाठकों के लिए जिज्ञासा और समाधान (Q&A)

प्र.1: नूतन वर्ष की शुरुआत के लिए त्रिभंगी छंद ही क्यों चुना?
उ: क्योंकि इस छंद की लय में एक प्राकृतिक 'थिरकन' है, जो ठंड और नए साल के उत्साह को बखूबी दर्शाती है।

प्र.2: "बाल्टी भर खुशियाँ" मुहावरे का यहाँ क्या अर्थ है?
उ: इसका अर्थ है खुशियों की प्रचुरता या ढेर सारी खुशियाँ, जो जीवन को सराबोर कर दें।

प्र.3: कविता में "मौसम देखो पगलाया" क्यों कहा गया है?
उ: नए साल की उमंग और कड़ाके की ठंड के मेल से उत्पन्न हुए खुशनुमा पागलपन को दर्शाने के लिए।

प्र.4: क्या त्रिभंगी छंद में मात्राओं का संतुलन कठिन है?
उ: हाँ, 32 मात्राओं के साथ आंतरिक तुकबंदी बिठाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण लेकिन बहुत आनंददायक होता है।

प्र.5: "पुडा चचराया" से क्या आशय है?
उ: यह कड़ाके की ठंड में सिर और हड्डियों में होने वाली सनसनाहट या तेज चुभन का देसी चित्रण है।

प्र.6: इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उ: पुरानी कमियों को छोड़कर नई सीख के साथ खुशियों का स्वागत करना।

प्र.7: "कलियाँ चटकी" किसका प्रतीक है?
उ: यह नई आशाओं और नई शुरुआत के खिलने का प्रतीक है।

प्र.8: क्या यह कविता केवल ठंड पर आधारित है?
उ: नहीं, यह मौसम के माध्यम से जीवन के बदलाव और नई उम्मीदों का उत्सव है।

प्र.9: "Kavitaon ki Yatra" का इस पोस्ट में क्या महत्व है?
उ: यह मेरी काव्य यात्रा का एक नया पड़ाव है जो पाठकों को साहित्य से जोड़ता है।

प्र.10: पाठक अपनी प्रतिक्रिया कैसे दे सकते हैं?
उ: नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपने विचार और अपने शहर के मौसम का हाल लिखकर।

शुभकामना संदेश:-

"2026 की यह पहली सुबह आपके जीवन में नई ऊर्जा और अपार खुशियाँ लेकर आए। भले ही बाहर कोहरा और ठंड है, पर हमारी यादों और संकल्पों की गर्माहट कम न हो। 'कविताओं की यात्रा' के साथ जुड़े रहने के लिए आप सभी का हृदय से आभार।" शुभ प्रभात और नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं!

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