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ठंड मार शीत बाण हाड़ को कँपा रही..स्वनाम जो जपा रही

  चामर छंद जो कि पंद्रह वर्णों का एक वार्णिक छंद है,इसमें ठंड,शीत विषयक छोटी-सी सृजन पुनः आप सबों के समक्ष कठिन शब्दों के अर्थ सहित सादर प्रस्तुत है,आशा करता हूँ यह छंदमय प्रयत्न आपको अवश्यमय पसंद आएगा और गुनगुनाने को विवश कर देगा।यदि आपको तनिक भी ऐसी अनुभूति होती है,तो आपका प्यार,दुलार,आशीर्वाद अवश्यमेव चाहुँगा। चामर छंद का विधान निम्नवत है :-           रगण जगण रगण जगण रगण              २१  २१  २१ २१ २१ २१ २१२                  ठंड मार शीत बाण हाड़ को कँपा रही।   पाप क्या किया बता स्वनाम जो जपा रही ।।    प्रीत मीत मानके न वैर भावना रखा।    ठंड दंड ताड़ना अमानना नहीं लखा।।   रोग भोग भी लिया न मौन भंग ही किया।    वेग से प्रवेग से समीर क्यों बहा दिया।।   प्राण घ्राण सर्प सा नहीं सुनो करो कभी।   क्रोध का प्रमाण शोध ना करा मुझे अभी।।  रार वार जो ठना विकल्प कल्प ही नहींं।    ऊन चीर ओढ़के डरा नहींं डटा यहीं...

हमारे बारे में

  सादर नमस्कार सज्जनों !यथायोग्य सादर अभिवादन।मेरा नाम भारत भूषण पाठक है और मैं 'देवांश' उपनाम से साहित्य साधना करता हूँ। https://kavitaonkiyatra68.blogspot.com/?m=1 मेरे  अपने ब्लॉग का नाम है।

यहाँ मैं रोज अपने द्वारा विभिन्न साहित्यिक समूह में अभ्यास किए गए,छंदयुक्त व छंदमुक्त काव्यों जहाँ तक और जो भी सीख पाया,जिस तरह के संघर्षों का दर्शन इस प्रतिकूल ने कराया,मेरी आज की कविताएं उसी का दर्शन कराती हैं। मेरी एक विशेषता यह है कि मैं कौन पढ़ेगा,कौन देखेगा ये सब नहीं सोचता बस मन में जैसे भाव आते हैं लिखता रहता हूँ। सच कहूँ तो आज जीवित मैं इन कविताओं रूपी प्रेरणात्मक शक्ति के कारण ही हूँ।

मेरी कुछ रचनाओं को मेरे युट्यूब चैनल varytheuntoldmystery पर भी देखा- सुना जा सकता है।

साथ ही अपनी जिज्ञासा को आप शांत करने के लिए मुझे मेरे जीमेल आईडी० पर आप संपर्क कर सकते हैं:-Varytheuntoldmystery@gmail.com

मैं आपकी जिज्ञासा को शान्त करने का अगले २४ घंटे में यथाशक्ति प्रयत्न करूँगा।

 हमारे बारे में:-

नाम:-भारत भूषण पाठक'देवांश'

ग्राम-धौनी(शुम्भेश्वरनाथ)

जिला-दुमका(झारखण्ड)

पिन कोड-८१४१५१

संपर्क- varytheuntoldmystery@gmail.com

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