चामर छंद जो कि पंद्रह वर्णों का एक वार्णिक छंद है,इसमें ठंड,शीत विषयक छोटी-सी सृजन पुनः आप सबों के समक्ष कठिन शब्दों के अर्थ सहित सादर प्रस्तुत है,आशा करता हूँ यह छंदमय प्रयत्न आपको अवश्यमय पसंद आएगा और गुनगुनाने को विवश कर देगा।यदि आपको तनिक भी ऐसी अनुभूति होती है,तो आपका प्यार,दुलार,आशीर्वाद अवश्यमेव चाहुँगा।
चामर छंद का विधान निम्नवत है :-
रगण जगण रगण जगण रगण
२१ २१ २१ २१ २१ २१ २१२
ठंड मार शीत बाण हाड़ को कँपा रही।
पाप क्या किया बता स्वनाम जो जपा रही ।।
प्रीत मीत मानके न वैर भावना रखा।
ठंड दंड ताड़ना अमानना नहीं लखा।।
रोग भोग भी लिया न मौन भंग ही किया।
वेग से प्रवेग से समीर क्यों बहा दिया।।
प्राण घ्राण सर्प सा नहीं सुनो करो कभी।
क्रोध का प्रमाण शोध ना करा मुझे अभी।।
रार वार जो ठना विकल्प कल्प ही नहींं।
ऊन चीर ओढ़के डरा नहींं डटा यहींं।।
चाप साध ठंड तू अबाध जीत चाह में।
मार्ग में सदा खड़ा अगाध प्रीत थाह में।।
कठिन शब्दार्थ प्रशिक्षु छंद प्रेमियों के लिए :-
कल्प-ऐसी चिकित्सा जिसमें शरीर या उसके किसी अंग को पुनः नया व निरोग करने की युक्ति हो।
घ्राण-सूँघना
अमानना-अपमान
लखना-देखना,समझना,जानना,मानना
प्रवेग- अत्यंत तेजी से
प्रमाण-सिद्ध,साक्ष्य,सबूत
शोध- अनुसंधान(रिसर्च)
रार-लड़ाई,झगड़ा
ठनना-छिड़ना,निश्चित होना।
अबाध-निरंतर,लगातार,बाधाहीन,स्वच्छंद,निर्बाध
अगाध-असीम,अथाह,जिसे समझना कठिन हो।
Share
Whatsapp ,facebook,
Instagram,Twitter,Linkedin
Telegram,Youtube,Pinterest
Quora,Quora own group,Telegram group
#राधेश्यामी छंद#पंचचामर छंद#विधाता छंद#जयकरी छंद#चंडिका छंद#मदलेखा छंद#मनमोहन छंद#चामर छंद#सुमेरू छंद#श्येनिका छंद#उपचित्रा छंद#चौपाई छंद#भारत-भारती#मैथिली शरण गुप्त#दुष्यंत कुमार#विष्णुपद छंद#३२ मात्रिक छंद#आँसू छंद#अनुष्टुप छंद
Kavyasamidha
Flipkart
टिप्पणियाँ
यह कविता "ठंड मार शीत बाण हाड़ को कँपा रही" ठंड के मौसम की कठोरता और उसके प्रभावों को बखूबी व्यक्त करती है। कवि ने ठंड के अनुभव को न केवल भौतिक रूप में, बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी चित्रित किया है।
कविता में ठंड का वर्णन करते हुए, कवि ने यह दर्शाया है कि कैसे यह मौसम हमारे मन और आत्मा पर भी असर डालता है। ठंड के साथ-साथ, प्रेम और मित्रता की भावना को बनाए रखना एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि कठिनाइयों के बावजूद, हमें एक-दूसरे का सहारा बनना चाहिए।
कविता में प्रयुक्त कठिन शब्दों का अर्थ स्पष्ट करने से पाठक को गहराई से समझने में मदद मिलती है। यह न केवल एक साहित्यिक कृति है, बल्कि जीवन के संघर्षों और संबंधों की जटिलताओं को भी उजागर करती है।
कुल मिलाकर, यह कविता ठंड के मौसम में भी सकारात्मकता और एकजुटता का संदेश देती है, जो हमें प्रेरित करती है कि हम कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने रिश्तों को मजबूत बनाए रखें।